Indian Food

भारतीय भोजन पद्धति की अपनी एक विशिष्टता है| इसी कारण से आज संसार के सभी बड़े देशो में भारतीय भोजनालय पाये जाते हे जो की अत्यंत लोकप्रिय है| विदेशो में प्रायः सप्ताहांत अथवा अवकाशों पर भोजन के लिए लोग भारतीय भोजनालयो में जाना अधिक पसंद करते है| स्वादिष्ट खाना बनाना एक कला है, इसी कारणवश भारतीय संस्कृति में इसे पाक कला कहा जाता है| भारतीय भोजन विभिन्न प्रकार की पाक कलाओ का संगम है|

युवा आज भारतीय भोजन एवं पोष्टिक आहार से दूर होते जा रहे है| अंतर्राष्ट्रीय फ़ूड चेन्स द्वारा एग्रेसिव मार्केटिंग का पास्ता, पिज्जा, बर्गर एवं शीतल पेय को रोजमर्रा के भोजन में शामिल कर भारतीय भोजन की गौरवशाली परम्परा को समाप्त कर अधिकांश भारतीय, युवा अवस्था में ही विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त हो रहे है|

“पवित्रम” द्वारा परम्परागत भारतीय एवं विदेशी भोजन का अध्यन करने के उपरांत विभिन्न खाद्य पदार्थो में शुद्ध शाकाहारी व्यंजनो की श्रंखला लाँच की गयी है| भारत में कई वर्षी से कई विदेशी प्रभाव धुलेमिले दिखाई देते है, फिर भी भारतीय भोजन में वही मूल स्वादिष्टता बनी हुई है| यहाँ के लोग कुरकुरे, मसालेदार एवं तले हुए व्यंजनों को खाने के लिए बहुत पसंद करते है| ये व्यंजन आमतौर पर घर पर पारम्परिक तरीके से बनाये जाते है, जो कि भोजन का एक अभिन्न अंग है| इसी आधार पर हमारे द्वारा प्रामाणिक भारतीय और अंतरराष्ट्रिय स्वादिष्ट व्यंजनों की विस्तृत श्रंखला लाँच की गयी है| इन व्यंजनों में मिठाईयां, नमकीन, भारतीय स्वादिष्ट कुकीज, विभिन्न रोटी (चपाती) रोल्स, वड़ापाव, ग्रिल्ड, सेंडविचेज, नचोस, कुअसेदिला एवं विभिन्न तरह के स्वादिष्ट पेय शामिल है|

भारतीय संस्कृति में स्वादिष्ट पकवान एवं व्यंजन महत्वपूर्ण स्थान रखते है| विभिन्न त्योहारों, समारोहों एवं संस्कृति के उत्सवों में हर भारतीय भोजन के साथ आनन्द लेता है| स्वादिष्ट मसाले, मिठाई, नमकीन, विभिन्न जड़ी बूटियां, आचार, चटनियाँ, रोटियाँ, एवं हर प्रान्त एवं प्रदेश की खानपान संस्कृति विशिष्टता लिए हुए है|

आहारविद्या बताती है कि मनुष्य का आहार क्या होना चाहिए और आहार के भिन्न-भिन्न तत्वों को किस अवस्ता में तथा किस मात्रा में खाया जाये, जिसमे शारीरिक और मानसिक पोषण उत्तम हो| भारत में अधिकांश लोग अधिक अनाज खाते है और उनके भोजन में दुसरे शक्तिवर्धक तत्वों की कमी होती है| मोटे तौर पर भोजन में बदलाव लाकर उसमे सुधार किया जा सकता है, अर्थात् जहाँ कही भोजन में अन्न की अधिकता हो, अन्न की मात्रा कम की जाए और उसके बजाए भोजन में शरीर की प्रोटीन, विटामिन और खनिजो की आवश्यकता पूरी करने वाले तत्व बढाए जाए| इसी सिद्धान्त के अनुसार हमारी रीसर्च टीम द्वारा विभिन्न स्टेपल अनाजो, दालो, चावल, एवं सब्जियों के फ्यूजन से पोष्टिक व्यजनो को तैयार किया जाता है|

भारतीय परिवारो में त्यौहार समारोह, मांगलिक उत्सव एवं सामाजिक उत्सव एक परम्परागत जीवन शैली का अंग है| अधिकांश परिवारों में अभी भी एक साथ बैठकर एक दुसरे के साथ अपने भोजन का आनंद लेने की परम्परा विधमान है| हालाँकि परिवर्तन के इस युग में जहाँ एकल परिवारों की संख्या लगातार बड रही है, वहां शुद्ध भारतीय व्यंजनों के बजाय पति-पत्नी फ़ास्ट फ़ूड को अपनाते है| पवित्रम द्वारा इसी कमी को दूर करने हेतु कम समय में भारतीय और अंतरराष्ट्रिय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनन्द ले, इसी अवधारणा के साथ आउटलेट्स शुरू किये गये है|